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Dashahri mango

दशहरी आम की विशेषताएं

दशहरी आम की विशेषताएं

फलों का राजा कहा जाने वाला आम भारत देश में इसकी विभिन्न विभिन्न प्रकार की किस्में उगाई जाती है। उन किस्मो में से एक दशहरी आम की किस्में है। 

दशहरी आम की पूर्ण विशेषता जानने के लिए हमारे इस पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहे। हम आपको दशहरी आम से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे: 

दशहरी आम

दशहरी आम, आम की उन किस्मो में से एक है जो अपनी भीनी भीनी- सोंधी सोंधी खुशबू तथा मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। दशहरी आम को ना सिर्फ भारत में अपितु इसे विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। 

विदेशों में यह दशहरी आम बहुत ही ज्यादा मशहूर है अपने बेहतरीन स्वाद के चलते, कहा जाता है कि दक्षिण भारत में दशहरी आम को दसहरी नाम भी दिया गया है। 

उत्तर प्रदेश में दशहरी आम को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसे दशहरी नाम क्यों दिया गया है? क्योंकि  दशहरी आम प्रजाति की उत्पत्ति लखनऊ क्षेत्र के पास दशहरी के गांव से हुई थी। इस वजह से इन्हें दशहरी नाम दिया गया है। 

दशहरी आम का बीज रोपण

दशहरी आम का रोपण करने के लिए किसान सबसे पहले अच्छी भूमि का चयन करते हैं। जिन क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा होती है, उन क्षेत्रों में वर्षा के अंत के महीने में आम का बाग रोपण करना चाहिए। 

बीज रोपण करने के लिए भूमि को अच्छी तरह से गड्ढे दार तैयार कर लेना चाहिए। 50 सेंटीमीटर व्यास की दर से 1 मीटर गहरे गड्ढे मई के महीने में खोद लेना चाहिए। 

उन गड्ढों में करीब 30 से 40 प्रति किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर उनमें 100 ग्राम क्लोरोपाइरिफास पाउडर मिलाना चाहिए। इन प्रतिक्रिया को अपनाकर बीज रोपण की क्रिया को करना चाहिए।

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दशहरी आम की खेती

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार दशहरी आम की खेती मलिहाबाद में की जाती है। वैसे तो उत्तर प्रदेश में 14 बेल्ट है और इन 14 बेल्ट में आम की खेती की जाती है परंतु दशहरी आम का स्वर्ग ( जन्नत) मलिहाबाद को कहा जाता है।  

इसी वजह से दशहरी आम की खेती करने के लिए मलिहाबाद को सबसे श्रेष्ठ कहा जाता है। आंकड़ों के अनुसार मलिहाबाद में करीब 3,0,000 हेक्टेयर के क्षेत्रों में सिर्फ और सिर्फ आम की खेती ही की जाती है। 

अपनी इन सभी विशेषताओं के कारण उत्तर प्रदेश आम की उत्पादकता के लिए दूसरे नंबर पर आता है। सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करने वाला उत्तर प्रदेश, भारत को कहा जाता है। 

दशहरी आम की खेती करने वाला पहला राज्य आंध्रप्रदेश है। जहां इसकी खेती भारी मात्रा में की जाती है इसीलिए आंध्रप्रदेश दशहरी आम की उत्पादकता के लिए अब तक नंबर वन की जगह बनाए हुए हैं।

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विदेशों में दशहरी आम की बढ़ती मांग

दशहरी आम देश और विदेश दोनों जंगहो में काफी पसंद किया जाता है इसीलिए इसकी मांग विदेशों में बढ़ती जा रही है। वैसे तो दशहरी  की मुख्य राजधानी लखनऊ है। 

परंतु दशहरी आम को करीब के गांवों में जैसे: काकोरीइलाके नन्दी फिरोजपुर आदि में इसकी पैदावार होती है। दशहरी आम कई विदेशी राज्य में काफी पसंद किए जाते हैं, इसीलिए इन्हें उन राज्य में भेजा जाता है जैसे : पाकिस्तान, मलेशिया, नेपाल ,सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, फिलीपींस जैसे विदेशी राज्य है जहां दशहरी आम को भारत देश से भेजा जाता है। 

दशहरी आम की पैदावार

आंकड़ों के मुताबिक दशहरी आम लगभग 20 लाख टन हर साल पैदा होते हैं। दशहरी आम उत्तर प्रदेश में भारी मात्रा में उत्पाद किया जाता है। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं। कि लखनऊ के पास स्थित गांव जिसका नाम दशहरी है। 

उसकी वजह से इस आम का नाम दशहरी पड़ा, कहा जाता हैं कि दशहरी आम का पहला पेड़ लखनऊ में आज भी स्थित है। यह पेड़ लखनऊ के पास के ही काकोरी स्टेशन के समीप दशहरी गांव में लगा हुआ है। 

इस पेड़ का ही पहला दशहरी आम आया था। इस पहले दशहरी आम के पेड़ की आयु लगभग दो सौ साल तक के आसपास बताई जाती है। इस आम के पेड़ को मान्यता देते हुए। 

इसे मदर ऑफ मैंगो ट्री से सम्मानित कर बुलाया जाता है। उत्तर प्रदेश में मलिहाबाद दशहरी आम उत्पाद करने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता हैं।

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दशहरी आम के फायदे

दशहरी आम, दशहरी आम न सिर्फ खाने बल्कि इसके विभिन्न फायदे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यदि आप अभी तक इनके फायदों से वाकिफ नहीं तो चलिए हम आपको इनके कुछ फायदे बताते हैं:

  • कैंसर जैसी भयानक बीमारियों से बचने के लिए आम स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होते है। क्योंकि आम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोलोन जैसे आवश्यक तत्व ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर से शरीर का बचाव करते हैं। क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन और फिसेटिन जैसे आवश्यक तत्व कैंसर की रोकथाम करने में बहुत सहायक होते हैं।
  • दशहरी आम में विटामिन ए की पूर्ण मात्रा पाई जाती है। विटामिन ए के जरिए आंखों की रोशनी बढ़ती है इसीलिए दशहरी आम खाने से आप अपनी आंखों की चमक और रोशनी दोनों को बरकरार रख सकते हैं।
  • दशहरी आम में विटामिन सी और फाइबर उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। इन दोनों तत्वों के जरिए हम अपने शरीर के खराब असंतुलित कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाए रख सकते हैं।
  • दशहरी आम बहुत ही फायदेमंद होता है। यदि आप आम के गूदे को अपने चेहरे पर लगाते हैं। या फिर मसाज करते हैं तो आपका चेहरा चमकता हुआ दिखाई देगा। साथ ही साथ विटामिन सी की मदद से संक्रमण रोगों से भी  बचाव कर सकते हैं
  • दशहरी आम में मौजूद एंजाइम्स आप की पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद एंजाइम्स प्रोटीन को तोड़ने का कार्य करते हैं जिसकी वजह से भोजन बहुत जल्दी पच जाता है। साथ ही साथ यह वजन कम करने में भी सहायक होते हैं।

दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल दशहरी आम पसंद आया होगा। यदि आप हमारे इस आर्टिकल से संतुष्ट हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। धन्यवाद।

गर्मियों में सबसे ज्यादा मांग में रहने वाले फल से जुड़ी कुछ खास बातें

गर्मियों में सबसे ज्यादा मांग में रहने वाले फल से जुड़ी कुछ खास बातें

आम को फलों का राजा भी कहा जाता है। गर्मियों के दिन हों और आम का ख्याल मन में ना आए ऐसा संभव ही नहीं। जी हाँ, सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में आम की ताजगी और स्वाद का परचम लहराता है। 

इसलिए आज हम आपके लिए एक ऐसे आम की जानकारी लेकर आए हैं, जिस आम को आमों का बादशाह कहा जाता है। 

भारत के अंदर इस आम की अत्यधिक मांग होती है। अल्फांसो आम को नर्सरी में भी उगाया जा सकता है। लोग इसका कई तरीकों से सेवन करते हैं। 

कुछ लोग इसका जूस बनाकर पीना पसंद करते हैं, तो कई लोग आइसक्रीम बनाने में भी इसका उपयोग करते हैं। आम की बहुत सारी प्रजातियाँ होती हैं। अल्फांसो आम इन्हीं में एक आम की किस्म है। 

आम की बुवाई कब और कैसे करें ?

आम की बुवाई जून माह में करनी सबसे अच्छी होती है। खेत में 4 से 6 इंच वर्षा हो जाने के बाद गड्ढे तैयार कर लें। गड्ढे तैयार करने के बाद आम का रोपण करें। 

ध्यान रहे कि 15 जुलाई से लेकर 15 अगस्त के मध्य आम का रोपण कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, यह संपूर्ण वर्षा का मौसम है। 

इसलिए कृषक भाई सदैव भरपूर वर्षा की अवधि में आम की रोपाई को टालें। अगर पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध हों, तो ऐसे में फरवरी मार्च के महीने में आप आम का रोपण कर सकते हैं। यह समय आप की रोपाई के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

आम की उन्नत किस्में इस प्रकार हैं ?

आम की किस्मों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। प्रथम शीघ्रफलन प्रजाति जो काफी तेजी से विकसित होकर फल देने लायक बनता है। इसके अंतर्गत आम की तोतापुरी, गुलाबखस, लंगड़ा, बॉम्बे ग्रीन, दशहरी और बैगनफली आदि। 

आम की दूसरी शानदार किस्म मध्यम फलन किस्म है। जैसे मल्लिका, हिमसागर, आम्रपाली, केशर सुंदरजा, अल्फांजो आदि। 

प्रसंस्करण वाली किस्मों में बैगनफली, अल्फांजो, तोतापरी इत्यादि हैं। आम की तीसरी देर से फलने वाली उन्नत किस्में चैंसा और फजली है। हालांकि इन सभी बेहतरीन किस्मों की अलग अलग विशेषताएं हैं। 

आम के फलों की तुड़ाई एवं रखरखाव कैसे करें ?

फलों की तुड़ाई थोड़ा डंठल सहित करें। फलों की तुड़ाई के बाद फलों को अच्छी तरह साफ कर लें। फलों को सदैव हवादार यानी खुले वातावरण में ही रखें। प्लास्टिक की बजाय लकड़ी के बक्से का उपयोग भंडारण के लिए किया जा सकता है।

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फलों को उसके आकार के मुताबिक अलग-अलग रखें। उसका ग्रेड बनाएं। आम की तुड़ाई में इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि फल कभी धरती पर ना गिरने पाए। हवादार कार्टून में हमेशा भूसे अथवा सुखी पत्तियां डालकर ही आम को बंद करें। इससे उत्पाद खराब नहीं होगा।

आम की खेती पर सब्सिडी कैसे प्राप्त करें ?

केंद्र सरकार और राज्य सरकार आम की खेती के लिए ही नहीं विभिन्न बागवानी उत्पादों की खेती जैसे फल-फूल सब्जियों आदि के लिए व्यापक अनुदान प्रदान करती है। 

बागवानी पर किसानों को 50 से 80% प्रतिशत तक की अनुदान दिया जाता है। बागवानी पर मिलने वाली सब्सिड़ी की परस्पर जानकारी के लिए मेरीखेती से जुड़े रहें। 

यहां कृषकों से जुड़ी समस्त अनुदानित योजनाओं को कवर किया जाता है। बागवानी की अनुदान से संबंधित राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की योजनाओं को कवर किया गया है।

बागवानी के लिए लोन कैसे प्राप्त करें ?

बागवानी के लिए ऋण के प्रावधान केवल केंद्र सरकार ने ही नहीं बल्कि भिन्न-भिन्न राज्य सरकारें भी बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कर्जा प्रदान कर रही है। बैंक से बागवानी के लिए काफी सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही, कृषकों को ब्याज पर छूट भी प्रदान की जाती है।